National Parks of Madhya Pradesh in Hindi | मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान

नमस्कार दोस्तों,
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान, National Park of Madhya Pradesh in Hindi के बारे में। जो कि आगामी परीक्षा के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।


मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान

प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान एवं 24 , वन्यपाणी संरक्षण अभ्यारण्य है जिसमें 6 टाईगर रिजर्व, 2 खरमोर अभ्यारण्य, 2 सोन चिड़िया अभ्यारण्य, 3 घड़ियाल (अन्य जलजीव) अभ्यारण्य, तथा 2 राष्ट्रीय उद्यान जीवाश्म संरक्षण हेतु स्थापित है। (आर्थिक समीक्षा - 2019-20 )

नेशनल पार्क एक्ट, 1952 से लागू है।

● भारत में राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना मध्यप्रदेश राष्ट्रीय उद्यान अधिनियम 1955 के तहत होत रही। इस एक्ट का स्थान वन्य संरक्षण अधिनियम, 1972 ने लिया था।

• 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है। 

• 2020 में म.प्र. में 11 राष्ट्रीय उद्यान है।


1. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (जिला मण्डला एवं बालाघाट) 

• कान्हा एशिया का सर्वश्रेष्ठ उद्यान माना जाता है।

• कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (940 वर्ग कि.मी) सबसे बड़ा और सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

• 1879 में इसे वन आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था। 1897 से 1910 तक अंग्रेजों का शिकार स्थल था। इसे 1911 में अभय वन, 1933 में अभयारण्य तथा 1 जून, 1955 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित 3 किया गया। इसे 1973-74 में प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत शामिल किया गया। यह प्रदेश का प्रथम अभयारण्य, प्रथम उद्यान व प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत शामिल प्रथम उद्यान है।

● 1933 में राज्य का पहला अभ्यारण्य और 1955 मे राज्य का पहला राष्ट्रीय उद्यान बना ।

• कृष्ण मृग और ब्रेडरी प्रजाति का बारहसिंगा (कान्हा का गहना) यहां पाया जाता है।

● 1974 से यहाँ टाइगर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 'पार्क इण्टरप्रिटेशन' योजना लागू है।

• के. फारसान ने "हाइलैण्ड ऑफ सेंटर इंडिया" में हालो घाटी (बालाघाट) और ब्रांडेर ने "वाइल्ड एनीमल इन सेन्ट्रल इंडिया" मे बंजर घाटी (मण्डला) का वर्णन किया। दोनों कान्हा नेशनल पार्क में है, जो बालाघाट (सर्वाधिक) तथा मण्डला में फैला है।

● भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान जिसने अधिकारिक शुभंकर (भूरसिंघ द बारहसिंघा ) अपनाया है। शुभंकर का डिजाइन रोहन चक्रवत्ती द्वारा तैयार ।

● कान्हा टाइगर रिजर्व को Solid waste के उचित प्रबंधन के लिए SKOCH Order-of-merit Award से नवाजा गया है। यहाँ Solid waste को ऑर्गेनिक खाद में बदला जा रहा है।

• कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्राचीनकालीन श्रवणताल स्थित है। मण्डला स्थित इस श्रवण ताल में लप्सी नामक शिकारी का स्मारक निर्मित है।

• कान्हा से ही कुछ बाघ सतकोरिया टाइगर रिजर्व (ओडिसा) एवं नौरादेही अभयारण्य (सागर) में भेजे गये है। (2018)

• इस उद्यान के अंदर बंजर सुपर्ण तथा हेलान नदी बहती है।

• कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बमनी दादर सूर्यास्त पाइंट है। 

• इंडियन घोस्ट ट्री (पर्णपाती कुल्लू वृक्ष) यहां का प्रसिद्ध वृक्ष है। 


2. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (जिला उमरिया )


• बांधवगढ़ दूसरा महत्वपूर्ण उद्यान और टाइगर प्रोजेक्ट है। 32 पहाड़ियों से घिरा यह देश का सर्वाधिक बाघ घनत्व वाला उद्यान है।

• विन्ध्य पर्वत माला पहाड़ी श्रृंखलाओं से घिरा बांघवगढ़ क्षेत्र रीवा महाराज का शिकारगाह था।

• यह 1968 में राष्ट्रीय उद्यान तथा 1993 में प्रोजेक्ट टाइगर बना । 

• कठियार-गिर शुष्क पर्णपति वन क्षेत्र है। गौर पुनर्वास योजना क्रियान्वित हो रही है। हाथियों को भी बसाने का विचार है।

• उद्यान के अंदर घास के मैदान, दलदल, पानी के स्त्रोत है। चरण गंगा नदी इसके ठीक मध्य से गुजरती है।

• कबीर चोरा मुख्य पर्यटन स्थल है।

• उद्यान में बाघ, तेंदुआ, भेड़िए, सियार, भालू, सुअर, चीतल, सांभर प्रमुख वन्य प्राणी । उद्यान मे पक्षियों की 250 प्रजातियाँ पायी जाती है। जिसमें जंगली कौआ, मोर, सफेद बगुला, ग्रे हार्न बिल, रेड वटेल्ड लेपि विंग, बटेर, उल्लू, तोता प्रमुख है।

• इसके मध्य में 2000 वर्ष पुराना बांधवगढ़ का किला स्थित है। 

• बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है ।

• बांधवगढ़ में चार्जर ( नर बाघ) व सीता (मादा बाघ) सर्वाधिक प्रसिद्ध बाघ हुए। उद्यान में चार्जर बाघ के नाम पर चार्जर पाइंट भी निर्मित किया गया है।

• यहां की सुन्दरी बाघिन 2018 में ओडिसा के सतकोरिया टाइगर रिजर्व भेजी गयी । 

• रीवा महाराजा मार्तण्डसिंह ने बांधवगढ़ के बगरी वन क्षेत्र से मोहन (पहला सफेद बाघ) को पकड़ा था।


3. पेंच राष्ट्रीय उद्यान या इंदिरा गाँधी प्रियदर्शनी पार्क (जिला छिदवाडा)


  • इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल बफर जोन सहित 758 वर्ग किमी है, जिसमें से 293 वर्ग किमी कोर क्षेत्र है।
  • इस उद्यान का नाम इसे दो भागो में बांटने वाली पेंच नदी के नाम पर है। यह नदी उद्यान के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की ओर बहते हुए छिंदवाडा और सिवनी को भी विभाजित करती है। 
  • इस क्षेत्र को मोगली लैण्ड के नाम से जाना जाता है। ब्रिटिश भारतीय रूडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध द जंगल बुक का विषय इसी मोगलीलेण्ड की किदवंती से जुड़ा है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1965 मे अभ्यारण्य के रूप में की गई थी, 1975 में राष्ट्रीय उद्यान तथा 1992 में प्रोजेक्ट टाइगर बना।
  • मुख्य वन प्राणी बांघ, तेंदुआ, गौर, सांभर, चीतल, नीलगाय है । 1992 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।
  • पेंच नदी पर स्थित अंतर्राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजना; तोहलाडोह बांध के कारण उद्यान के मध्य भाग में विशाल झील बन गई है।
  • यहाँ पर दो प्रकार के गिद्ध भी पाये जाते है:
  • पहला किंग वल्चर जिसके गले में लाल घेरा होता है और दूसरा व्हाइट ब्रेट वल्चर जिसके पीछे सफेद धारियाँ होती है ।
  • यहा पर राज तोता (करन मिट्ठू) और बाज सहित राजकीय पक्षी दूधराज भी पाया जाता है।
  • इसे (इंदिरा प्रियदर्शनी पैंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच, मोगली अभ्यारण) । एवं बफर जोन पेच टाइगर रिजर्व में बांटा गया है।
  • यहा कृष्ण मृगों की सर्वाधिक संख्या पायी जाती है।


4. माधव राष्ट्रीय उद्यान (जिला शिवपुरी)


★ 1958 में स्थापित माधव राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख वन्य प्राणी लकड़बग्धा, भेड़िया, सियार, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सुअर है।

★ राष्ट्रीय उद्यान में मनिहार नदी बहती है। सर्वाधिक वन घनाव वाला उद्यान है। सांख्य सागर में मगर सफारी होती है। • श्री माधवराज सिंधिया ने इस नदी पर सांख्य सागर और माधव सागर तालाब का निर्माण कराया। सांख्य सागर मे प्रवासी पक्षी आते हैं-स्पॉट बिल, पेलिकन, स्पुन,बिल, कान्य क्रेने, नंगे सिर वाले कहलंस, शोव्हेलर आदि । 

★ उद्यान में जार्ज कैसल भवन का निर्माण जीवाजी राव सिंधिया ने 1911 में जार्ज किंग के सम्मान में किया था।

★ माधव राष्ट्रीय उद्यान से NH-46 एवं NH-27 गुजरते है। उद्यान में भया कोडे, सुर्भला की गरही मौजुद है। तात्या टोपे की समाधि भी यहां बनी है।

★ उद्यान और आसपास सहरिया जनजाति पायी जाती है। 


5. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान (जिला होशंगाबाद )

◆ 1981 में इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना हुई। 1999-2000 में टाइगर रिजर्व घोषित हुआ। सतपुरा बाघ संरक्षित क्षेत्र 2021 में यूनेस्को की विश्व धरोहर परीक्षण सूचि में शामिल हुआ ।

◆ यह सतपुड़ा रेज की बीहड़ पहाड़ियों से घिरा है। सतपुड़ा उद्यान में पंचमढ़ी और बोरी अभ्यारण्य भी शामिल है। पंचमढ़ी बायो स्फेयर रिजर्व (2011) भी उद्यान का भाग है। 

◆ राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 524 वर्ग किमी है।

◆ सतपुडा पर्वत माला में दुर्लभ पशु और पौधों की प्रजातियां है।

◆ यह प्रचुर जैव विविधता का केंद्र है। यहाँ सागौन के वन पाये जाते है। यहाँ पौधों की 1200 प्रजातियाँ उपलब्ध है। कुछ दुर्लभ और विलुप्त प्रायः जैसे-कीटपक्षी पौधे यहाँ पाये जाते है। 

★ मुख्य वन प्राणी बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, भौंकने वाले हिरण, लोमडी, जंगली बिल्ली, कुत्ते, सियार, भालू और सुअर है।

★ पक्षियों में बटेर, तीतर, मैना, ई ग्रेट, मलाबार, पाइड, हार्न बिल, गिद्ध, रंगीन तितलियाँ, पतंगे आदि हैं।

◆ सतपुड़ा राष्ट्रीय तवा जलाशय का जल संग्रहण क्षेत्र भी है। 

◆ मढ़ई : तवा - देनवा संगम पर स्थित मढ़ई मर्यटन स्थल सतपुड़ा रा.उ. के अन्तर्गत है। पर्यटन स्थल भी सतपुड़ा का भाग है।

• चूरना • धूपगढ़ (म.प्र./ सतपुड़ा की सर्वोच्च चोटी) यही स्थित है। 


6. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (जिला पन्ना एवं छतरपुर)


■ 1981 में राष्ट्रीय उद्यान और 1994 में बाघ रिजर्व घोषित ।

■ इसका कुल क्षेत्रफल 1578.56 वर्ग किमी है जिसमें से 542.69 वर्ग किमी क्षेत्र पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 87.52 वर्ग किमी क्षेत्र गंगेउ वन्य अभ्यारण तथा 45.20 वर्ग किमी क्षेत्र केन घडियाल, वन्य जीव अभ्यारण के अंतर्गत आता है। 

■ यहाँ प्रदेश के एकमात्र रेप्टाइल पार्क की स्थापना की गई है। 

■ यह क्षेत्र पन्ना छतरपुर और बिजावर राज्य के तत्कालीन शासकों का शिकारगाह था।


7. संजय गांधी (संजय डुबरी) राष्ट्रीय उद्यान 

● सिंधी और सिंगरौली जिले में फैला है। 1981 में राष्ट्रीय उद्यान तथा 2008-09 में टाइगर प्रोजेक्ट घोषित ।

● यह म.प्र. और छ.ग. तक विस्तृत अविभाजित म.प्र. का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान था । इसका छ.ग. वाला भाग गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अब छ.ग. के अन्तर्गत राष्ट्रीय उद्यान है।

● सर्वाधिक चितल इसी उद्यान में है।

● इसके समीप ही डुबरी अभ्यारण्य, बगदरा अभ्यारण्य तथा सोनघड़ियाल अभ्यारण्य है।

● संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान सोन, गोपद, बनास एवं कोरमार नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इसमें 80 प्रतिशत साल वन तथा 20 प्रतिशत मिश्रत वन पाये जाते है। 

● संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में अनेक प्रागैतिहासिक गुफाएं है। भुईमाड़ गुफा, राजगढ़ी गिद्धा पहाड़ यहा बरचर बाँध, ठोंगा मन्दिर, रमदहा कुण्ड, कन्हैयादह (साथा जल प्रपात) आदि है। रीवा महाराजा मार्तण्डसिंह ने बांधवगढ़ के बगरी वन क्षेत्र से मोहन (पहला सफेद बाघ) को पकड़ा था, वह मडवास स्थित भरतरी वन क्षेत्र (संजय डुबरी) तक विस्तृत था।


8. घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (शाहपुरा जिला डिण्डोरी) 


★ यह जीवाश्म उद्यान जीवाश्म से समृद्ध है। यहाँ के जीवाश्म लगभग 7 से 65 लाख वर्ष प्राचीन है जिसमें वनस्पति, जंतु जंगल के विकास की चरणबद्ध प्रक्रिया को समझा जा सकता है।

★ इस जीवाश्म उद्यान का केन्द्रीय स्थान घुघवा है।

★ जीवाश्म उद्यान में तीन अन्य स्थल भी है। उमरिया सिल्येर,देवरी खुर्द तथा बरबसपुर। यह सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। 

★ यहाँ फल और क्वार्टज पत्थर से निर्मित जंतुओं के जीवाश्म (धड और अन्य अंग) है। घुघवा मे सबसे प्रराना नीलगिरी हायफनेट जीवाश्म मिला है जो अब मात्र अफ्रीकी महाद्वीप में मिलता है। अतः यह भाग पहले अफ्रीका महाद्वीप का हिस्सा था। 

★ दक्कन शिलाओं (मण्डला) में भी प्राचीन वनस्पतीय क्षेत्र हैं।


9. वन विहार राष्ट्रीय उद्यान (भोपाल) 


■ इसे वर्ष 1993-94 में केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण द्वारा चिड़ियाघर के रूप में मान्यता दी गई। कुल क्षेत्रफल 4.45 वर्ग किमी है। दूसरा सबसे छोटा है।

■ यह उद्यान स्थल बाहर (Ex-situ) संरक्षण केन्द्र है। इसे भारतीय केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा प्रावधिक मान्यता दी गयी है। सर्वसुविधायुक्त वन्य प्राणी रेस्क्युसेंटर स्थापित है।

■ विहार वीथिका, प्रकृति व्याख्या केन्द्र जैसे केन्द्र स्थापित है। • वन्य जीवों को गोद लेने की नीति-2008 लागू। अर्थात् जनसहभागिता से वन्य जीवों का पालन-पोषण-संरक्षण हो रहा है।


10. डायनोसोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान 

●धार में स्थित म.प्र. का दुसरा राष्ट्रीय जीवश्म उद्यान है।

● इसका कुल क्षेत्रफल 108 वर्ग किमी है। 

● 6.5 करोड़ वर्ष पुराना डायनोसोर जीवाश्म बाघ - जोबट नदियों (नर्मदा की सहायक) के तटों पर विस्तृत डायनासौर उद्यान मुख्यतः समुद्री डायनासौर के अंडो एवं जीवश्म के संरक्षण के लिये 2010 में स्थापित किया गया है।

● सर्वप्रथम कर्नल स्लीमन ने 1828 ईसवी में जबलपुर के छावनी क्षेत्र से डायनासोर के जीवाश्म प्राप्त किये थे ।


11. पालपुर कुनो राष्ट्रीय उद्यान

◆ 1981-2018 तक अभ्यारण्य रहा। 14 दिसम्बर 2018 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित। कुनो उद्यान ऊँची पहाड़ियों पर स्थित है। 

◆ पालपुर कुनो के तहत निम्नलिखित क्षेत्र शामिल किया गया है; अ) दो अभ्यारण्यों का पूर्ण क्षेत्रपालपुर कुनो अभ्यारण्य ( श्योपुर) एवं करेरा अभ्यारण्य (शिवपुरी) का संपूर्ण भाग (344.88 + 20221 वर्ग किसी) इस नवीन राष्ट्रीय उद्यान में शामिल हुआ। करेरा (शिवपुरी) अभ्यारण्य भी बना रहेगा ब) सोन चिड़िया अभ्यारण्य, घाँटीगांव का आंशिक भाग (111.73 वर्ग किमी)। स) रातापानी एवं नरसिंगढ़ अभ्यारण्य का लगभग 1.04 वर्ग किमी भाग (सड़क मार्ग, NH-12 के चौड़ीकरण हेतु) कुनो राष्ट्रीय उद्यान के लिये आरक्षित किया गया। द) नौरादेही अभ्यारण्य (सागर) का 11.13 वर्ग किमी भाग कुनो राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधकीय कार्यालय हेतु आरक्षित। इ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का 23.13 वर्ग किमी भाग मत्स्याखेट हेतु कुनो राष्ट्रीय उद्यान के लिये आरक्षित फ) भविष्य में सरदारपुर (धार) एवं अन्य क्षेत्रों से आंशिक भाग (56 वर्ग किमी) कुनो राष्ट्रीय उद्यान में शामिल होंगे।

◆ पालपुर कुनो का प्रशासनिक मुख्यालय कुनो अभ्यारण्य का क्षेत्र है; किन्तु इसका मुख्य विस्तार कुनो एवं करेरा, दोनो अभ्यारण्यों के संपूर्ण भाग तक है। साथ ही आंशिक भाग अन्य अभ्यारण्यों का भी शामिल किया गया है।

◆ यहा गिर शेरों के साथ अफ्रीका चीता बसाने की योजना है। SC के आदेश पर गुजरात से सिंह यहाँ लाने की योजना - (याचिकाकर्त्ता - फयाज खुद्दार


मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान की लिस्ट । Madhya Pradesh National Park List In Hindi

नामअधिसूचना का वर्षक्षेत्रफल
(वर्ग किमी.)
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान 1968448.842
घुघुआ जीवाश्म पार्क 19830.27
कान्हा टाइगर रिजर्व 1955941.793
कुनो राष्ट्रीय उद्यान 2018748.761
माधव राष्ट्रीय उद्यान 1959375.23
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 1981542.66
पेंच राष्ट्रीय उद्यान 1975292.857
संजय राष्ट्रीय उद्यान 1981464.643
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 1981528.729
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान 19794.452
ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान प्रस्तावित646
डायनासोर राष्ट्रीय उद्यान89.740


भारत में राष्ट्रीय उद्यानों पर महत्वपूर्ण तथ्य और प्रश्न

Q 1. राष्ट्रीय उद्यान क्या है?

उत्तर। कोई भी प्राकृतिक आवास जिसे किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिए अलग रखा जाता है, राष्ट्रीय उद्यान कहलाता है।

Q 2. भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

उत्तर। लद्दाख में हेमिस राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। हेमिस नेशनल पार्क अपने हिम तेंदुओं के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है, ऐसा माना जाता है कि दुनिया के किसी भी संरक्षित क्षेत्र में उनका घनत्व सबसे अधिक है।

Q 3. हमें राष्ट्रीय उद्यानों की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर। राष्ट्रीय उद्यान बनाने के कई उद्देश्य हैं:

यह एक विशिष्ट क्षेत्र या क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में मदद कर सकता है विलुप्त होने के कगार पर मौजूद प्रजातियों का संरक्षणपा रिस्थितिक विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना यह विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण में मदद कर सकता है।

Q 4. भारत का पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान कौन सा था?

उत्तर। पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान कच्छ की खाड़ी में स्थित है और 1982 में बनाया गया था। यह गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका जिले में कच्छ की खाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है।

Q 5. देश का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है और यह कहाँ स्थित है?

उत्तर। केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान भारत में मणिपुर राज्य के बिष्णुपुर जिले में एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है।

Q 6. राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में क्या अंतर है?

उत्तर। एक वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति का एक क्षेत्र है जो सरकार या एक निजी एजेंसी के स्वामित्व में है जो वर्ष के एक हिस्से के दौरान या पूरी तरह से वनस्पतियों या जीवों की विशेष प्रजातियों के संरक्षण के लिए है। जबकि, एक राष्ट्रीय उद्यान सरकार के स्वामित्व वाली भूमि का एक आरक्षित क्षेत्र है जो औद्योगीकरण, मानव शोषण और प्रदूषण से सुरक्षित है। राष्ट्रीय उद्यान, बायोस्फीयर रिजर्व और वन्यजीव अभयारण्य के बीच विस्तृत अंतर जानने के लिए, लिंक किए गए लेख पर जाएं।

Q 7. भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

उत्तर। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। यह उत्तराखंड में स्थित है और 1936 में स्थापित किया गया था।

Q 8. भारत में कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं?

उत्तर। भारत में कुल 104 राष्ट्रीय उद्यान (जनवरी 2021 तक) हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 40,564 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 1.23% है।



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