नमस्कार दोस्तों,
DRDO Kya Hai. DRDO के बारे में जानना आपके, मेरे हम सब के लिए बहोत ज़रूर है. किसी competitive exam से लेकर बेसिक नॉलेज तक हमें DRDO के बारे में थोड़ी बहोत जानकारी तो रखनी चाहिए. इस संस्था ने देश के लिए बहोत कुछ दिया है एवं देश को कई उपलब्धियों तक पहुचाया.
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे DRDO kya hai, DRDO का इतिहास, DRDO की स्थापना कब और किसने की, DRDO का फुल फॉर्म, DRDO की विशेषताएँ एवं DRDO से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य जिसे हर भारतीय को जानना बहोत आवश्यक है.
DRDO KYA HAI | DRDO क्या है?
DRDO |
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स्थापना | 1958 |
हेडक्वाटर | DRDO भवन, नई दिल्ली |
संगठन | सरकारी |
देश | भारत |
वर्तमान अध्यक्ष | डॉ जी सतीश रेड्डी |
मोटो | बालस्य मूलं विज्ञानम |
DRDO की स्थापना कब और किसने की थी?
DRDO फुल फॉर्म क्या है?
DRDO का फुल फॉर्म Defence Research and Development Organisation होता है.
DRDO के विभिन्न कार्यक्रम
Integrated Guided-Missile Development Programme (IGMDP)
यह मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय रक्षा बलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के प्रमुख कार्यों में से एक था. IGMDP के तहत विकसित मिसाइलें पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, आकाश, नाग आदि है.
Mobile Autonomous Robot System
Mobile Autonomous Robot System जिसे MARS कहा जाता है. यह लैंड माइन्स और Inert Explosive Devices (आईईडी) को संभालने के लिए एक स्मार्ट मजबूत रोबोट है जो भारतीय सशस्त्र बलों को एक्सप्लोसिव डिवाइस को निष्क्रिय करने में सहायता करता है. बता दे की इस प्रणाली का उपयोग वस्तु के लिए जमीन खोदने में भी उपयोग किया जा सकता है.
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सबसे ऊंचा स्थलीय केंद्र
लद्दाख में DRDO का केंद्र पैंगोंग झील के पास चांगला में समुद्र तल से 17,600 फीट ऊपर है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक और औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए एक प्राकृतिक कोल्ड स्टोरेज इकाई के रूप में काम करना है।
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