(UPDATE) Zero Ka Avishkar Kisne Kiya | जीरो का आविष्कार किसने और कब किया

नमस्कार दोस्तों, 

जीरो यानी शुन्य एक ऐसी संख्या जिसके बिना गिनती अधूरी सी रहती है. जीरो के बिना करोड़पति भी अपनी संपत्ति नहीं गिन पाएगा. जीरो अपको भले छोटी संख्या लगती हो लेकिन यह अपने आप में एक बहोत बड़ी संख्या है जिसके बिना 10 भी पूरा नही हो पाएगा सौ और हजार तो सोचा भी नही जा सकता, क्यूंकि आप कुछ भी कर ले जीरो के बिना आप संख्या आगे लिख ही नही पाएंगे.

Zero Ka Avishkar Kisne Kiya

आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते की हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में जीरो यानी शून्य का हम कितना इस्तेमाल कर लेते है. निश्चित ही आप यह आर्टिकल अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल टेबलेट में पढ़ रहे है होंगे इनके काम करने का सबसे बड़ा कारण ही बाइनरी कोड है यानी की 0 और 1. इसके बिना कंप्यूटर या अन्य डिवाइस काम ही नही कर पाता. अब हम इतना तो जान चुके है की जीरो की महत्ता कितनी है. आज का आर्टिकल जीरो पर ही लिखा गया है जिसमे हम जानेंगे   Zero Ka Avishkar Kisne Kiya, जीरो का इतिहास, जीरो का आविष्कार कब और कहाँ हुआ था एवं जीरो से जुड़े अन्य रोचक तथ्य. तो चलिए शुरू करते है जीरो का आविष्कार किसने और कब किया.


    जीरो क्या है | Zero Kya Hai 

    जीरो यानी शून्य एक integer है जिसे 0 के द्वारा दर्शाया जाता है, जीरो गणना का पहला अंक होता है जिसका मतलब है कि कोई वस्तु मौजूद नहीं होता है. यह एकमात्र integer एवं एकमात्र वास्तविक संख्या है जो न तो ऋणात्मक है और न ही सकारात्मक है।

    जीरो एक अंग्रेजी शब्द है जिसे हिंदी में शुन्य कहा जाता है. जीरो एक ऐसी संख्या है जिसके बिना गिनती की गणना कभी पूरी नहीं हो सकती.


    Zero Ka Avishkar Kisne Kiya | जीरो का आविष्कार किसने और कब किया 

    शून्य का अविष्कार भारतीय गणितज्ञ, ज्योतिष आर्यभट्ट ने किया था. मुख्य रूप से शून्य के अविष्कार श्रेय प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त को जाता है, उन्होंने 628 ईसवी में शून्य को सिद्धान्तों सहित पेश किया था. ब्रह्मगुप्त गुर्जर प्रदेश (भीनमाल) के अन्तर्गत आने वाले प्रख्यात शहर उज्जैन (मध्य प्रदेश) की अन्तरिक्ष प्रयोगशाला के प्रमुख थे. ब्रह्मगुप्त से पहले आर्यभट्ट ने शून्य का प्रयोग किया था लेकिन सिद्धांत न देने के कारण उन्हें शून्य का मुख्य अविष्कारक नही माना जाता. 



    जीरो का उपयोग कहा होता है

    जीरो के बिना संख्याओं की गणना नही किया जा सकती. जीरो के उपयोग से ही 9 के बाद 10 हो सकता है और 99 के बाद 100. जीरो के बिना binary digit नही बन पाती. जीरो का उपयोग डेटा स्टोरेज के लिए किया जाता है. जीरो के उपयोग से ही हम दहाई, हजार, लाख जैसी संख्याओं को गिन पाते है. एक जीरो व्यक्ति को करोड़पति बना सकता है और दिवालिया भी. जीरो के बिना समय को हम अच्छे से नही जान पाते. जीरो के उपयोग से ही हम हमारे भुत, वर्तमान और भविष्य को वर्षो के आधार पर जान पाए. जीरो के उपयोग से ही हम कंप्यूटर की मशीनी भाषा का आविष्कार कर पाए. जीरो के उपयोग से ही हम किसी चीज़ या वास्तु की दुरी को ज्ञात कर पाते है. जीरो के उपयोग से ही हम किसी वास्तु के कम या ज्यादा होने का अनुमान लगा पाए. जीरो न होता तो शाहरुख़ खान जीरो मूवी भी नही कर पाते. जीरो के आविष्कार ने हमारी ज़िन्दगी को काफी आसन बना दिया. 


    रोमन संख्याओं में जीरो क्यों नहीं होती है

    रोमन संख्या प्रणाली में संख्या जीरो नहीं होता है. रोमन संख्या पद्धति मूल रूप से माल और व्यापारिक व्यवसाय की कीमतों का अनुमान लगाने के लिए डिज़ाइन की गई थी, इसलिए रोमन प्रणाली को शून्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी मूल्य की आवश्यकता नहीं थी. रोमन ने जीरो को दर्शाने के लिए nulla शब्द का इस्तेमाल किया था. लैटिन भाषा में nulla शब्द का अर्थ कोई नहीं होता है. बता दे की रोमन संख्या प्रणाली में शून्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई विशिष्ट प्रतीक नहीं है.


    जीरो की क्या अहमियत है

    जीरो का इस्तेमाल हम जाने अनजाने में रोज ही करते है लेकिन हमें एहसास नही होता. जीरो कोई वस्तु या इसका कोई मतलब नही होता लेकिन इसका वजूद बहोत भारी होता है. जीरो की एंट्री ही संख्याओं, चीजों और भावनाओं को बदल देती है. अगर जीरो की अहमियत जाना हो तो सिर्फ एक बार स्कूल, कॉलेज, या कोई एंट्रेंस एग्जाम को बिना पढ़े और बिना लिखे देकर देखना. मम्मी की फ्लाइंग चप्पल, पापा का बेल्ट और रिश्तेदारों के ताने आपको जीरो की अहमियत समझा देंगे. 


    जीरो एक सम संख्या है या विषम संख्या | Zero Even Number Hai Ya Odd Number

    जीरो एक विषम संख्या ना होकर सम संख्या होती है. बता दे की सम संख्या 0, 2, 4, 6, 8 और आगे तक चलती जाती है. विषम संख्या की शुरुआत 1, 3, 5, 7, 9 से लेकर आगे तक होती है.

    जीरो से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य | Important Facts About Zero In Hindi

    • Zero नाम अरबी सिफर से निकला है जो हमें "cipher" शब्द भी देता है.
    • जीरो और एक ऋणात्मक संख्या का योग ऋणात्मक होता है.
    • एक धनात्मक संख्या और जीरो का योग धनात्मक होता है.
    • जीरो और जीरो का योग जीरो होता है.
    • संख्या शून्य न तो धनात्मक है और न ही ऋणात्मक, न तो अभाज्य संख्या है और न ही भाज्य संख्या, न ही यह एक इकाई है. यह एक सम संख्या है.
    • Zero रुपये का नोट भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
    • शून्य ही एकमात्र संख्या है जिसे रोमन अंकों में नहीं दर्शाया जा सकता है.

    आज अपने क्या सिखा

    आशा है आज के इस आर्टिकल के मध्याम से अपने बहोत कुछ सिखा होगा. आपने इस पोस्ट के माध्यम से Zero Ka Avishkar Kisne Kiya, जीरो का इतिहास, जीरो का आविष्कार कब और कहाँ हुआ था एवं जीरो से जुड़े अन्य रोचक तथ्य आदि के बारे में जाना. मुझे विशवास है की Zero Ka Avishkar Kisne Kiya  से सम्बंधित साड़ी जानकारी आपको मिल चुकी होगी. अगर कोई सवाल या राय आपके मन में हो तो आप निचे कमेंट ज़रूर करे.

    एक टिप्पणी भेजें

    Post a Comment (0)

    और नया पुराने