Finance Kya Hai - 2023

Finance Kya Hai, Types Of Finance In Hindi

फाइनेंस का नाम सुनते ही लगता है कोई hifi शब्द होगा जिसे समझने में दिमाग के तार हिल जाएँगे लेकिन ऐसा नही है. फाइनेंस को समझना काफी आसान है एवं आज की यह पोस्ट फाइनेंस पर ही आधारित है. आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे फाइनेंस क्या है, फाइनेंस कितने प्रकार का होता है और फाइनेंस से सम्बंधित बहोत सी जानकारियाँ जो आपको जानना बहोत ज़रूरी है. 



फाइनेंस एक ऐसी प्रक्रिया जिसका ज्ञान आपके लिए बहोत ही ज़रूरी है जिससे की भविष्य में आपकी ज़रूरत होने पर बिना किसी झंझट के आप फाइनेंस करवा सके. फाइनेंस से जुड़े बहोत से टर्म है जिसे आपको जानना चाहिए. फाइनेंस अपने आप में बहोत बड़ा विषय है जिसके लिए शिद्दत से पढाई होती है जिसे अर्थशास्त्र कहा जाता है. तो चलिए शुरू करते है आज के इस आर्टिकल फाइनेंस क्या है को.

    Finance Kya Hai | फाइनेंस क्या है?

    फाइनेंस को हिंदी में वित्त कहा जाता है. फाइनेंस का मतलब किसी प्रकार के व्यय के लिए धन जुटाने की प्रक्रिया या धन के प्रबंध से होता है. फाइनेंस शब्द की उत्पत्ति 18वी सदी में हुई जिसे फ्रेंच (French) भाषा से लिया गया था. फाइनेंस से सम्बंधित अध्ययन को अर्थशास्त्र (Economics) कहा जाता है. फाइनेंस कई प्रकार के होते है जिसे सरकार, कंपनिया या फिर व्यक्तिगत रूप से भी इस्तेमाल किया जाता है. 

    उदाहरण के लिए जैसे अगर आपको कोई वाहन लेना हो या आपके पास पहले से ही वाहन हो और आपको धन की आवश्यकता हो तो आप किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन या फाइनेंस करवा कर धन की पूर्ति पूरी कर सकते है. इस प्रक्रिया में आपकी KYC और आपको सम्बंधित वाहन के सम्पूर्ण डाक्यूमेंट्स, hypothecation के साथ अप्लाई करना होगा जिससे आपको लोन मिल सके. 

    अगर किसी ज़मीन पर फाइनेंस करवाना हो तो आपको mordgage करवाना होगा और अगर वाहन फाइनेंस करवाना हो तो hypothecation करवाना होता है. यह प्रक्रिया कुछ दिन की होती है जिसके पूर्ण होने पर सम्बंधित फाइनेंस की राशी आपके बैंक खाते में जमा हो जाती है. 

    Hypothecation क्या है?

    Hypothecation तब होता है जब किसी संपत्ति या वाहन के लोन को सुरक्षित करने के लिए संपार्श्विक के रूप में गिरवी रखा जाता है. किसी संपत्ति या वाहन का स्वामित्व लोन प्रदान की गई बैंक या कंपनी का होता है एवं उस संपत्ति से उत्पन्न आय का हक उस व्यक्ति का होता है लेकिन यह तब तक लागू होता है जब तक वह व्यक्ति सूचारू रूप से लोन की किश्त जमा कर रहा हो. 

    स्वामित्व बैंक या वाहन का होता है लेकिन अगर किसी अपराधिक स्थिति में या एक्सीडेंट होने पर उसकी पूरी ज़िम्मेदारी उस समबन्धित व्यक्ति की होती है. Hypothecation चेक करने के लिए उस वाहन की RC पर निचे की जगह Financer का नाम होता है जिससे की हम जान सकते है यह सम्बंधित वाहन पर लोन लिया गया है या नही. RC न होने की स्थिति में RTO पोर्टल पर वहां की जानकारी डालकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है. 

    Mortgage क्या होता है?

    Mortgage को बंधक के नाम से जाना जाता है. Mortgage का उपयोग अचल संपत्ति जैसे की किसी ज़मीन पर जो की खेत, प्लाट या घर के लिए किया जाता है. सम्बंधित संपत्ति की रजिस्ट्री पर जहाँ से फाइनेंस करवा रहे है उस बैंक या कंपनी का नाम रजिस्ट्री पर लिखा जाता है और एग्रेमेंट बनता है जिससे की उस बैंक या कंपनी का स्वामित्व होता है. वह व्यक्ति जिसने लोन लिया है वह बिना बैंक, कंपनी की अनुमति के उस संपत्ति को बेच नही सकता और न ही कोई mortgage संपत्ति को खरीद सकता है. Mortgage फाइनेंस ख़तम होने के बाद NOC मिलने के बाद ही हटाया जा सकता है.


    फाइनेंस के प्रकार 

    फाइनेंस के कई प्रकार होते है लेकिन इस पोस्ट में हम फाइनेंस के मुख्य रूप से 3 प्रकार के बारे में जानेंगे. फाइनेंस के मुख्य तीन प्रकार: व्यक्तिगत फाइनेंस , कॉर्पोरेट फाइनेंस और सार्वजनिक या पब्लिक फाइनेंस.

     

    व्यक्तिगत फाइनेंस (Personal Finance) 

    Personal Finance व्यक्तिगत होता है जिसमे व्यक्ति अपने निर्धारित लक्ष्य या ज़रुरतो को पूरा करने के लिए किसी बैंक या कंपनी से धन का प्रबंध करता है. पर्सनल फाइनेंस व्यक्ति किसी भी कारण से ले सकता है जैसे शादी, किसी ज़मीन को खरीदने के लिए या सोना खरीदने या किसी अन्य काम के लिए. पर्सनल फाइनेंस का सीधा सम्बन्ध खुद से होता है,  किसी व्यक्ति के बिज़नस या उसकी आय को देख कर एक निश्चित राशी पर फाइनेंस किया जाता है.


    कॉर्पोरेट फाइनेंस (Corporate Finance)

    कॉर्पोरेट फाइनेंस का सीधा सम्बन्ध किसी कंपनी के खर्चों के भरण पोषण और कंपनी की पूंजी संरचना के निर्माण से है. किसी भी कंपनी या फर्म को चलाने के लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है जिसके पूर्ति एक या कुछ व्यक्ति नही कर सकते. कंपनी को सुचारू ढंग से चलाने के लिए लोन लेना ही पड़ता है. कंपनी की वैल्यू बढाने के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता पड़ती है एवं इसकी पूर्ति फाइनेंस या लोन से ही हो सकती है. और इस प्रकार के लोन या फाइनेंस को कॉर्पोरेट फाइनेंस कहते है.

    यह भी जाने: 

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    सार्वजनिक/ पब्लिक फाइनेंस (Public Finance) 

    इस प्रकार के फाइनेंस राज्यों, नगर पालिकाओं, प्रांतों से संबंधित होते है. इसमें सार्वजनिक संस्थाओं से संबंधित दीर्घकालिक निवेश निर्णय शामिल हैं. पब्लिक फाइनेंस आय के वितरण यानी , संसाधन आवंटन, आर्थिक स्थिरता आदि के लिए स्तेमाल किया जाता है. यह फंड मुख्यतः टैक्स, बैंकों या बीमा कंपनियों से उधार लेकर प्राप्त किए जाते हैं.


    माइक्रोफाइनेंस क्या है?

    माइक्रोफाइनेंस को माइक्रो क्रेडिट के रूप में भी जाना जाता है. इस प्रकार का फाइनेंस विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिनके पास फाइनेंस सेवाओं तक आसान पहुंच नहीं है या फिर इतनी समझ नही जिससे की वह व्यक्ति फाइनेंस प्रक्रिया को पूरा कर सके जैसे की ग्रामीण भोले भाले लोग, बेरोजगार या निम्न-आय वर्ग के व्यक्ति शामिल होते है. माइक्रो फाइनेंस का मुख्य उद्देश्य पिछड़े और निम्न वर्ग के लोगो को आत्मनिर्भर बनाना. जो की वर्तमान के काफी चलन में है. माइक्रोफाइनेंस कंपनियां द्वारा ग्रामीण एवं शेहरी क्षेत्रो में समूह लोन द्वारा महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है जिससे की वे अपना काम शुरू कर सके. भारत में कई माइक्रोफाइनेंस कंपनिया संचालित है जिसमे Equitas Small Finance, ESAF, Fusion, Annapurna, Arohan, BSS, Asirvad, Cashpor, L&T जैसे कई बड़े नाम शामिल है.


    भारत में कितनी फाइनेंस कंपनिया है?

    भारत में statista के हिसाब से 31 जनवरी, 2021 तक, भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत 9,507 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) थीं. जिसमे से हमने टेबल के माध्यम से कुछ प्रमुख कंपनियों का उल्लेख किया है.

    फाइनेंस कंपनियों के नाम 


    क्र.फाइनेंस कंपनी के नाम 
    1.Mahindra & Mahindra Financial Services Limited
    2.Shriram Transport Finance Company Limited
    3.Aditya Birla Finance Ltd
    4.Tata Capital Financial Services Ltd
    5.Cholamandalam Investment and Finance Company
    6.Bajaj Finance Limited
    7.HDB Financial Services
    8.Power Finance Corporation Limited
    9.L & T Finance Limited
    10.Muthoot Finance Ltd


    आपको फाइनेंस की जानकारी क्यों ज़रूरी है

    फाइनेंस हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्यूंकि हमें कब, कहा किस तौर पर धन की आवश्यकता पड़ जाए यह कोई नहीं जनता. फाइनेंस का ज्ञान हमें ठगी, समय की व्यर्थता, आर्थिक नुक्सान से बचा सकता है. फाइनेंस का ज्ञान होने से हम अधिक ब्याज दर से बच सकते है एवं फाइनेंस के समय होने वाली धोखाधड़ी से भी बचा जा सकता है.

    धन की आवश्यकता जैसे स्थिति में हम जो डाक्यूमेंट्स ज़रूरी है वह जल्दी समय रहते बना सकते है जिससे ज्यादा बिना मतलब के भागना न पड़े. फाइनेंस के थोड़े बहोत ज्ञान से हम आसानी से समझ सकते है की लोन कितने का एवं कितने समय के लिए हुआ है एवं ऐसी बहोत सी बेसिक चीज़े है जिसकी हमें जानकारी होना ज़रूरी होती है.


    आज आपने क्या सिखा 

    आशा है हमारे इस प्रयास से अपने बहोत कुछ सिखा होगा. आज के इस आर्टिकल के माध्यम से सिखा finance kya hai, फाइनेंस क्या है, फाइनेंस के प्रकार एवं इससे सम्बंधित अन्य जानकारी जिसने आपके ज्ञान में वृधि ज़रूर की होगी. फाइनेंस से जुडी किसी समस्या या सुझाव के लिए comment box में comment करना ना भूले. धन्यवाद 

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