नमस्कार दोस्तों।
भारत ने अपनी संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पूरी दुनिया में छाप छोड़ी हुई हैं। भारत के कई ऐसे अभिन्न हिस्से हैं जिसे अभी भी प्रचार की ज़रूरत हैं जिससे कि उस क्षेत्र में पर्यटन बढ़े। इसी के तहत आज हम बात करेंगे टिलंगचोंग द्वीप के बारे में।
टिलंगचोंग द्वीप या तिलनचांग | Tillangchong Island
भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निकोबार जिले में एक द्वीप हैं जिसे टिलंगचोंग या तिलनचांग के नाम से जाना जाता हैं।टिलंगचोंग क्षेत्र 14.7 किमी में फेला हैं इसकी लंबाई 16.5 किमी और चौड़ाई 2 किमी हैं। टिलंगचोंग द्वीप में हिन्दी, अंग्रेजी, तमिल, कार (क्षेत्रीय भाषा) का उपयोग किया जाता हैं।
बता दें कि यह द्वीप टेरेसा तालुक के नानकॉवरी की बस्ती के अंतर्गत आता है। यह द्वीप निकोबार द्वीप समूह श्रृंखला का एक हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के बीच स्थित है।
टिलंगचोंग की जनसंख्या
2011 की जनगणना के अनुसार, टिलंगचोंग द्वीप में 4 घर हैं। नोवारा खाड़ी में एक पुलिस चौकी के अलावा द्वीप काफी हद तक निर्जन था, जिसमें पुलिसकर्मी और उनके परिवार निवास करते थे। इस द्वीप को निकोबारी लोग पवित्र मानते थे जो एक निश्चित मौसम में आते थे।
भारत सरकार ने अगस्त 2018 में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अंडमान में 29 द्वीपों से प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट को हटा दिया था। इस परमिट के हटने से, विदेशियों को अब केंद्र शासित प्रदेश में 29 द्वीपों को घूमने, दर्शन करने के लिए 31 दिसंबर, 2022 तक आरएपी की आवश्यकता नहीं होगी।
सारांश
आशा हैं कि टिलंगचोंग द्वीप से सम्बंधित सारी जानकारी आपको प्राप्त हो चुकी होगी। अपनी अमुल्य राय कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर दें।
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