JRD TATA कौन हैं? | टाटा एयरलाइंस | एयर इंडिया

स्टडीBaazi के इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे JRD TATA और टाटा एयरलाइंस कैसे बनी एयर इंडीया थी। इस कठिन राह में कितनी रुकावटे आई इन सब के बारे में आज हम आपको बताएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

JRD TATA कौन हैं?

JRD Tata एक नाम जो कि आज दुनिया का सबसे मूल्यवान और विश्वसनीय ब्रांड बन चुका हैं। इनकी दरियादिली के कारण वे आज भी पूरी दुनिया के दिलों में कायम हैं। JRD Tata को टाटा समूह के कई उद्योगों के संस्थापक के साथ उन्हें आगे बढ़ाने के लिए भी जाना जाता हैं जिनमें टाटा साल्ट, वोल्टास, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, टाइटन इंडस्ट्रीज और एयर इंडिया शामिल हैं। वे भारत के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी सम्मानित हैं। उन्हें 1955 में पद्म विभूषण ओर 1992 में भारत रत्न मिल चुका हैं। और इन्हें भारतीय उद्योग में उनके अमुल्य योगदान के लिए दिया गया था। 1983 में जमशेद जी को फ्रेंच लीज़न ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया था।

JRD TATA भारत के पहले लाइसेंसी पायलट थे। इनका जन्म 29 जुलाई 1904 को पेरिस में हुआ था। बता दे कि जमशेद जी की माँ कार चलाने वाली भारत की पहली महिला थीं। जमशेदजी टाटा को कई और इंटरनेशनल अवार्ड मिले हैं जिन द टोने जननुस पुरस्कार 1979 में, The Gold Air Medal of the Federation Aeronautique International 1985 में, The Edward Warner Award of the International Civil Aviation Organisation जो कि Canada द्वारा 1986 में और The Daniel Guggenheim Medal 1988 में दिया गया हैं। महाराष्ट्र सरकार ने JRD TATA के सम्मान में अपने पहले डबल डेकर पुल का नाम जेआरडी टाटा ओवरब्रिज नासिक फाटा रखा हैं जो कि पिंपरी चिंचवाड़ में स्थित हैं।

air india
Tata Airlines Changes Into Air India


टाटा एयरलाइंस का एयर इंडिया में परिवर्तन?

टाटा एयरलाइंस की स्थापना 1932 में जमशेदजी टाटा द्वारा हुई थी। टाटा ने अपनी पहली व्यवसायिक उड़ान डी हैविलैंड पुस मोथ हवाईजहाज़ से कराची के ड्रिघ रोड हवाई अड्डे से बॉम्बे के जुहू हवाई अड्डे तक कि थी। JRD Tata ने अपना पहला हवाईजहाज़ 1919 में जब वे 15 वर्ष की आयु में ही उड़ा लिया था। टाटा एयरलाइंस की शुरुआत सिर्फ दो जहाजो से हुई थी। एयरलाइन्स की शुरुआत डाक लाने ले जाने से हुई थी। फिर 1933 में उनके व्यसाय की शुरुआत हुई उन्होंने 155 पैसेंजर और 11 टन डाक को इधर से उधर पहुँचाया। इनके जहाजो ने लगभग 160,000 मिलत तक कि उड़ाने भरी थी। ये सिलसिला ज्यादा समय तक नहीं चल सका।

रतन टाटा के बारे में रोचक तथ्य

द्वितीय विश्व युद्ध के समय टाटा एयरलाइंस ने Royal Air Force को सेना की आवाजाही के लिए, उनकी शिपिंग, शरणार्थियों के बचाव के लिए और विमान के रखरखाव में भी मदद की थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की हैं जब वाणिज्यिक विमान सेवाओं को बहाल कर दिया गया था तब 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस Public Limited कंपनी बन गयी थी और टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर 'Air India Limited' रखा गया था। और यहीं से Air India अस्तित्व में आया, सन 1947 में भारत सरकार ने 49 प्रतिशत की भागेदारी Air India ले ली थी। बता दे कि Air India की 30वीं बरसी पर मतलब 15 अक्टूबर 1962 को JRD Tata ने खुद जहाज उड़ाकर एक बार फिर से कराची से मुंबई की उड़ान भरी थी। उस जहाज का नाम लेपर्ड मोथ था। और बाद में जब 50वीं बरसी पर जमशेद जी ने 15 अक्टूबर 1982 को कराची से मुंबई की उड़ान भरी थी। JRD Tata को Founder of Air India कहा जाता हैं।

Conclusion:- आशा हैं कि आपको हमारा यह प्रयास अच्छा लगा होगा। ऐसे ही ओर ताबड़तोड़ फैक्ट्स के लिए जुड़े रहिये स्टडीBaazi के साथ। 


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