सिमोर्ग सुपरकंप्यूटर । Simorg Supercomputer | Iran

                              नमस्कार दोस्तो।

बचपन में अलीबाबा ओर चालीस चोर की कहानी तो बहोत सुनी होगी। खुल जा सिम सिम वाली गुफा जिसमे सोना ही सोना था। आशा करता हु अब तो याद आ ही गया होगा। इस कहानी का उदय ईरान में ही हुआ। ईरान अपने महान इतिहास के लिए पूरी दुनिया के जाना जाता है पहले इसे Persia के नाम से जाना जाता था। अप्रैल 1979 में दुनिया के सामने ईरान नाम से संबोदित हुआ। 21वी सदी में दुनिया का 8 वाँ सबसे बड़ा देश। आज फिर से सुर्खियों में हैं लेकिन क्यों? क्योंकि ईरान ने अपना अभी तक का सबसे ताकतवर सुपर कंप्यूटर बनाया हैं। जो आइये जानते है इसके बारे में।


                      ईरान ने हाल ही में सिमोर्ग नाम से अपना सुपर कंप्यूटर प्रदर्शित किया है। यह सुपरकंप्यूटर पिछले सभी ईरानी सुपर कंप्यूटरों से सौ गुना ज़्यादा शक्तिशाली है। अब दिमाग के किसी कोने में आया ही होगा कि ई सुपरकंप्यूटर क्या बला है। तो चिंता न कीजिये हम है ना समझाने के लिए।


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                            सुपरकंप्यूटर होता क्या है?

ज्यादा टेक्निकली भाषा के हर फेर में न घुसकर बस इतना समझ लीजिये की सुपरकंप्यूटर कंप्यूटरो के पापा हैं। नार्मल कंप्यूटर से 100 गुना ज्यादा क्षमता वाले प्रॉसेसर के साथ बड़े आकार का होता है। सुपरकंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। इसकी Speed को मेगा फ्लॉप से नापा जाता है।

                           सिमोर्ग सुपरकंप्यूटर

सिमोर्ग सुपरकंप्यूटर का नाम फ़ीनिक्स जैसे पक्षी के नाम पर रखा गया जिसे सिमुरघ कहा जाता है। ईरान की राजधानी तेहरान में अमीरकबीर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है। सुपरकंप्यूटर की प्रदर्शन क्षमता 0.56 पेटाफ्लॉप है और इनका लक्ष्य है कि 10 पेटाफ्लॉप की गति तक पहुंचना है एवम यह 250 वर्ग मीटर में फैला है और इसे 400 वर्ग मीटर में भविष्य में अपग्रेड किया जाएगा। इतना तगड़ा सुपरकंप्यूटर है स्वभाविक है खर्चा तो वेसा ही हुआ होगा बता दे कि इसका कुल अनुमानित बजट 9 मिलियन अमरीकी डालर है। इसका प्रयोग मूर्ति प्रोद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्कलोड, यातायात और मौसम डेटा, क्लाउड होस्टिंग एवम अन्य कई कामो में किया जाएगा।

 सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए थे और व्यापार के दरवाजे देश के लिए पूरी तरह से बंद हैं। इसलिए लगता है कि ईरान ने सुपर कंप्यूटरों में इस्तेमाल होने वाले अमेरिकी चिप्स को अवैध रूप से प्राप्त कर लिया है ओर तो ओर इरान कभी भी अपने हार्डवेयर विनिर्देशों का खुलासा नहीं करता है।तो आज का सफर यही तक फर मिलते अगले article में। थैंक यू।


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