प्लास्टिक सर्जरी का जनक किसे कहा गया है?

 नमस्कार दोस्तों।

आज फिर एक नए टॉपिक के साथ शुरुआत करते है कि प्लास्टिक सर्जरी का जनक किसे कहा जाता है और इसकी शुरुआत कहा से हुई। आप में से बहुत से लोग प्लास्टिक सर्जरी के बारे में जानते होंगे। लेकिन आप में से यह कितने लोग जानते हैं कि प्लास्टिक सर्जरी का आविष्कार भारत मे हुआ, ओर जिन्होंने प्लास्टिक सर्जरी सर्जरी का आविष्कार किया उन्हें "सुश्रुत (Sushruta)" के नाम से जाना जाता हैं।

सुश्रुत कौन है?

महाभारत के अनुसार सुश्रुत को ऋषि विश्वामित्र के पुत्र के रूप में माना जाता है। सुश्रुत का कालक्रम 600 ई.पू. से 1000 ई.पू. के बीच का माना जाता है। ओर इसी समय उन्होंने वाराणासी शहर में शल्य चिकित्सा (सर्जरी) की अपनी कला को पढ़ाया और अभ्यास किया था।


सुश्रुत संहिता


आप को बता दे कि सुश्रुत संहिता का एक संस्कृत पाठ जिसे अभी भी आधुनिक सर्जरी के लिए मूलभूत माना जाता है। सुश्रुत संहिता में बताया गया है की सुश्रुत की सच्ची विरासत उनका सर्जिकल कार्य है, इसमें उन्होंने त्वचा के ग्राफ्ट और प्लास्टिक सर्जरी के जटिल रूपों सहित कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं की एक विस्तृत उल्लेख किया है।


सर्जिकल उपकरण

सुश्रुत संहिता में 184 अध्याय हैं,  सुश्रुत के लगभग 125 सर्जिकल उपकरण पत्थर, लकड़ी, धातु और अन्य प्राकृतिक सामग्री से बने होते थे। सुश्रुत संहिता में 1120 बीमारियों, 700 औषधीय पौधों, 64 खनिज स्रोतों और पशु स्रोतों पर आधारित 57 तैयारियों का वर्णन हैं।


राइनोप्लास्टी तकनीक (Rhinoplasty Technique)

प्राचीन भारत में गुनाह किये जाने पर नाक काटना एक आम सजा थी और आश्चर्य की बात तो ये की सुश्रुत संहिता के पाठ में इसे ठीक करने के 15 से अधिक तरीकों का उल्लेख है। इनमें गाल या माथे से त्वचा के एक प्रालंब (flap) का उपयोग करना शामिल है जो आज की सबसे मॉडर्नतकनीक है।

सुश्रुत द्वारा योगदान

सुश्रुत ने सुश्रुत संहिता में 12 प्रकार के फ्रैक्चर और 6 प्रकार के विस्थापन के उपचार का गहन विवरण दिया जिसे देखकर आज के ऑर्थोपेडिक सर्जन आश्चर्यचकित है। उन्होंने traction, manipulation, opposition, stabilization और postoperative physiotherapy के सिद्धांतों का उल्लेख किया। इतना सब कुछ बिना टेक्नोलॉजी के आज के इस युग मे सम्भव ही नही है। 

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